Book Title: Jain Dhatu Pratima Lekh Part 1
Author(s): Kantisagar
Publisher: Jindattsuri Gyanbhandar
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जैन धातु प्रतिमा लेख ]
सम्वत १६१६ वर्षे विशाख (१ वैशाख) सुदि १० रवौ श्रीस्तम्भतीर्थवास्तव्य श्रीमोदज्ञातीय वृद्धशाखायां कासवः (? काश्यप) गोत्रे ठा गांगा सुत ठा त्रंबमा बाई अताई पुत्री बाई चांदला नाम्न्या श्री आदीश्वरचतुर्विंशतिजिनबिम्ब प्रतिष्ठितं श्रीतपागच्छे सरीन्द्र श्रीश्रीश्री विजयदानसूरिभिः श्री। श्री ।। श्री शुभं भवतु ।।
३११ __ सम्बत १६१८ वर्षे फागुण शुदि ११ शनौ राजा श्रीसंवर माता श्री राराणा तत्पुत्र श्री संभवनाथ विवं कारितं । श्री खंभात वास्तव्य श्रीश्रीमाल ज्ञातीय..."कर्म क्षयार्थ कारितं ।।
३१२ सम्वत १६२० वर्षे फागण वदि १२ बुधे सीरोहीनगरे उपकेश ज्ञातीय गे....सी.नेदा भा० वील्हणदे प्र० सदारगच्छेभ....पार्श्वनाथ कारापितं श्रीजीराउलागच्छे श्रीसालभद्रसुरभिः ॥
सम्वत १६२६ वर्षे फागुण सुदि ८ दिने तपागच्छे भट्टारक श्रीहीरविजयसरि स्वहस्तप्रतिष्टितं श्री शांतिनाथ बिम्ब गां लखमसी भा० वरवाई सुत नकरा पदमसी बडलीग्रामे ।।
संवत् १६२७ वर्षे शाके १४१२ प्रवर्तमाने पोसमासे शुक्लपक्षे पूर्णिमातिथौ गरुवासरे श्रीमालज्ञातीय वद्धशाखायां सं. राणा भार्या बा. राजलदे सुत सु चांपा अमीपाल श्रीनेमिनायबिम्बम् कारित प्रतिष्ठितं श्रीतपागच्छे श्रीरविजयदानसरि तत्प? श्रीहरीविजयसूरिभिः । श्रीस्तंभतीर्थे नगरे ।। शुभम् भूयात् ।।
३१० शांतिनाथ जैन मन्दिर कोट बम्बई। ३११ खरतरगच्छीय बड़ा मन्दिर तुलापट्टी कलकत्ता। ३१५ जैन मन्दिर ( गांव का) चांदवड । ३१३ पार्श्वनाथ जैन मन्दिर भद्रावती। 359 अादिनाथ जैन मन्दिर भायखला बम्बई।
"Aho Shrut Gyanam"

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