Book Title: Jain Dhatu Pratima Lekh Part 1
Author(s): Kantisagar
Publisher: Jindattsuri Gyanbhandar
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जैन-धातु प्रतिमा लेख
(१६) संवत् १५२३ वर्षे मा० मुदि ६ रवौ उसवालजातीय बहुगगोत्रे सा षिमा पुत्र वरसा बालहदे स्वभ्रातृ रुल्ला श्रीविमलनाथविम्बं कारितं प्रति० ओचित्रमालगच्छ गुणाकरसुरिभिः
( १९२) संवत् १५२३ वर्षे वैसाख सुदि ६ श्रीश्रीप्राग्वाट् जा० जेसंध भार्या गांगी सुत सहिदेकेन :मातृपितृवात्मश्र० श्रीकंथुनाथभिवं का० श्रीपिष्प० श्रीधर्मसागरसूरिणा प्रतिष्ठित
संवत् १५२४ वर्षे वैसास्त्र यदि : सोमे श्री मालज्ञातीय दोसी श्रजा भार्या धरमिणि सुत खेता सिवा रत्नाभ्यां पितृमातृश्रेयसे नमिनाबिम्बं पंचतीर्थी कारापितां (न) श्रीपूर्णिमापक्ष श्रीराजतिलक. सूरीणामुपदेशेन प्रतिष्ठितं श्रीसूरिभिः । वीरमग्राम वास्तव्यः ।।
(१६४) संवत १५२४ वैसाख सुदि १० उकेश वेदरवासि २० महिराज भा० चंपाई सुत पद्ममिहेन भगिना पझाई प्रमुख कुटुम्बयुतेन श्रोशीतलनाथ विम्ब १० प्र० तपा सोमसुन्दरसरि सन्ताने श्रीलक्ष्मीसागरसूरिभिः ।।
भवत् १५२४ वै शुदि प्रा० श्रे० पाता भा० वाळू पुत्र जोगाकेन भा० जावडि यु० रामदाम भ्रास अर्जुन भा० सोनाई प० कुटुम्बयुतेन श्रीशीतलनाथबिम्बं का० प्र० श्रोसोमसुन्दर मूरि सन्ताने श्रीलक्ष्मीसागर. सूरिभिः ।
१९१. हरतरगच्छीय बड़ा मन्दिर तुलापट्टी कलकत्ता १९२. आदिनाथ जैनमन्दिर भायखला बंबई १९३. आदिनाथ जैन मन्दिर पायधूनि बंबई ६६४. ग्वरतरगच्छीय बड़ा जैनन्दिर तुलापट्टी कलकत्ता १६५. स्वरतरगच्छोय वा जैनमंदिर तुलापट्टी मालकत्ता
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