Book Title: Jain Dhatu Pratima Lekh Part 1
Author(s): Kantisagar
Publisher: Jindattsuri Gyanbhandar
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जन-धातु प्रतिमा लेख
(२३८) संवत् १५३६ वर्षे आषाढ़ सुदि ६ श्रोउसवालज्ञातीय सा०३०या० भा० कुमादे सुत सा टीला भा० अछबादे नाम्न्या सुत जेसा सहितया आत्मश्रयसे श्रीअभिनन्दनबिंब कारित प्र० सर्वसूरिभिः ।
(२३६) मंवत् १५३७ वर्षे वैषाख सुदि ३ सोमे श्रीश्रीमालज्ञातीय म० भाईश्रा भा० माणिक्यदे सुत सहसा भा. वड़धी आत्मश्रेयोर्थं जीवित. स्वामिश्रीआदिनाथबिंब का०प्र०पिप्पलग० त्रिमविश्रा श्रीधर्मसागरसूरिभिः।।
संवत् १५४२ वर्षे शु० २० गुगै श्रीश्रीमाली गंधारवासि श्रे०हीरा भा० मेलू सु० नगराज भा. वाल्ही सु० अं० वीरपालेन भा० गोई प्रमुखकुटुम्बयुतेन श्रीसंभवनाथबिंबं का० प्र० तपागच्छे श्रीरलशेखर. सूरिपट्ट श्रीलक्ष्मीसागरसूरिभिः ।
संवत् १५४२ वर्षे माघ सुदि १० रवी श्रीउसवाल ज्ञा० रुपेथऽनशे स० रन भार्या मेधाई पुत्र सं० भोजराजेन भार्या हरखाई पुत्र पूनजी सं० देवजी सं० बाउजी प्रमुखकुटुम्बयुतेन म्बश्रेयो) श्रे:अजितनाथादि चतुर्विंशतिपट्ट का प्रतिष्ठितं तपागच्छे श्रीलक्ष्मीसागर. सूरिभिः ॥ शुभं भवतु श्री॥
सं० १५४२ वर्ष माघ शुदि २ शनी उकेशज्ञातीय सोनी षटवडगोत्रे सा० डूंगर पुत्र सा० तेजा भार्या तेजलदे पुत्र सा. नरपालेन भार्या देमी पु० मारग भ्रातृ वरदेयुतेन श्रीसुविधिनाथKि०० रुपपल्लीय गच्छे श्रीजिनोदयसूरि प० श्रीदेवसुन्दरसूरिभिः ।
२३८. श्रीआदिनाथ जैनमंदिर भायखला बंबई २३६. नया जैनमंदिर नासिक २४०. श्रीआदिनाथ जैनमंदिर भायखला बंबई २४१, श्रीआदिनाथ जैनमंदिर नागपुर २४२. खरतरगच्छीय बड़ा मंदिर तुलापट्ट कलकत्ता
"Aho Shrut Gyanam"

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