Book Title: Jain Dhatu Pratima Lekh Part 1
Author(s): Kantisagar
Publisher: Jindattsuri Gyanbhandar

View full book text
Previous | Next

Page 84
________________ पू८ जैन-धातु प्रतिमा लेख (२६२) मम्वत् १५५२ वर्षे माघ शुदि ३ दिने उकेशवंशे परिक्ष ( ख) सं० परबत भा० मण की पु० सु० तेजसिंहेन भार्या डाही भातृ ५० हतादिपरिवार युतेन श्रीविमलनाथबिवं कारितं खरतरगच्छे श्रीजिनसमुद्र सूरिभिः प्रतिष्ठित । (२६३) संवत् १५५२ वर्षे ज्येष्ठ सुदि १३ शुक्र श्रीमालज्ञातीय माघलपुरागोत्र म०हंसराज भा० हांसलदे प्र० सा० षेढ़ा भार्या षीमादे आत्मश्रेज(य) से ओचन्द्रप्रभविम्वं करापिनं श्रीधर्मघोधगच्छ भ० कमलप्रभ. सूरि तत्प? भ. पुण्यवर्धनसूरिभिः प्रतिष्ठितं ॥छ!! (२६४) संवत् १५२ वर्ष माघ शुदि १३ श्र:उकेशवशे वहुरागोचे सा० कुरा भा० लहर पुत्र सा० बछा सा० पामाकेन मार्या रुपाइयुतेन पितृव्य मा० सदापुण्यार्थ श्रसंसवनाथविम्लां कारितं प्रतिष्ठित भीखरतरगच्छे अं जिनसमुद्रसूरिभिः । गुरुपुष्ययोगे ।। (२६५) संवत् १५५३ वर्ष वै० २० श्री शुक्र उसवालज्ञातीय ५० धारणा भार्या रमाइ सुत सा० वरता भार्या भटकू नाम्ना स्व. प. श्रेयोथ श्रीवासुपूज्यबिम्बा कारितं श्रीद्धतपापो श्रीज्ञानसागरसूरिभिः प्रतिष्ठित श्रीस्तंभती। (२६६) संवत् १५५३ वर्षे माघ शुदि ६ सोमे उसवालज्ञा० मा० लाया भा० लोलादे पत्र सा० मेघा सा० धना गणपतिभ्यां स्वभ्रातृ नरपाल श्रेयसे श्रीसुमतिनाथवि कारितं मा बि (द्वि) बंदणीकगच्छे सिद्धाचार्यसंताने प्र० श्रीकक्कस रिभिः ।। थलपामे ।। २६२. शांतिनाथ जैनमंदिर कोट बम्बई २६३. खरतरगच्छीय बड़ा जैनमन्दिर तुलापट्टी कलकत्ता २६४. पुरातन जनमन्दिर अमरावती २६५. महावीर स्वामी जैनन्दिर पायधुनि बम्बई २६६. आदिनाथ जैनमन्दिर भायखला बम्बई "Aho Shrut Gyanam"

Loading...

Page Navigation
1 ... 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144