Book Title: Jain Dhatu Pratima Lekh Part 1
Author(s): Kantisagar
Publisher: Jindattsuri Gyanbhandar
View full book text
________________
जैन धातु प्रतिमा लेख
( २०१ )
संवत् १५२७ वर्षे ज्येष्ठ सुदि १० बुधे श्रीश्रीमाल ज्ञातीय व्य० पाना भा० साधी सा० टीडा भा० कमाई सुत रीमाकेन भार्या वीरीयुतेन भा०रमादे श्रेयसे श्रीनाथ त्रिबं श्री. पू. श्रीसदगुरूणामुपदेशेन का. प्र. विधिना स्तंभतीर्थनगरे !
( २०२ )
संवत् १५२७ वर्षे श्रं मालज्ञातीय म० झांझा भाव मांडू सुतभाटा भा० सुद्दिविदे सुत श्रीपाले धपाल मह मातृपितृश्रेयोर्थ श्री आदिनाथबिम् का प्रति तथा लक्ष्मीसागरसूरिभिः ।
४५
( २०३ )
संवत् १५२८ वर्षे का० शु० पू० धारवासि प्राग्वाट सा० सारंग भा० नानी त मा० रामान भा० पदमाई प्रमुखकुटुम्ब युतेन स्वश्रय से सुमतिबिंबं का प्रति० तपा लक्ष्मीसागरसूरिभिः ||
( २०४ )
संवत् १५२८ वर्षे ज्येष्ठ सुदि ५ बुधे श्रीश्रीमालज्ञातीय श्र े० उदयमी भा० वइजलदे सुतमेचा भा० गुरादे सुत वेताकेन पितृमातृ श्रयये श्रीगंम (व) नाथम्नं पूर्णिमापक्षे श्रीगुणरत्नसूरीणामुपदेशेन कारितं प्रतिष्ठितं च विधिना भागलपुरे ||
( २०५ )
संवत् १५.२८ . ( चै त्र व १० गुरौ श्रीउसवंशे मीठ आसो वाड भार्या जसमादे सो. गुणराजे सु० श्रावकेन भार्या मेधाइ पु० पूजा महिपाल (यहां सुन्दर चित्र है) भ्रातृ हरवा श्री राजसिंह राज सोनपाल सहितेन श्रीअंचलगच्छे श्रीजय केश/रसूरि उपर पनिपुण्यार्थ कुन्थुना कारितं प्र० श्रीसंवेन चिरनंदतु ।
२०१. श्री पार्श्वनाथ जैन मंदिर भद्रावती
२०२, जैनमन्दिर ब्रह्मचर्याश्रम चांदवड ( नासिक )
२०३, पार्श्वनाथ जैनमन्दिर भद्रावती
२०४, जैनमन्दिर भींवडी
२०५. लोकागच्छीय जैनमन्दिर बालापुर
"Aho Shrut Gyanam"

Page Navigation
1 ... 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144