Book Title: Jain Darshnma Nay
Author(s): Jitendra B Shah
Publisher: B J Institute

Previous | Next

Page 47
________________ 38 જૈન દર્શનમાં નય ૧૩. દર્શનસાર, ગાથા ૪૯, પૃ. ૨૦, સંપા. અને પ્રકાર નાથુરામ પ્રેમી, માણિકચંદ્ર દિગંબર જૈન ગ્રંથમાલા સમિતિ, વિ. સં. ૧૯૭૪. ૧૪. દર્શનસાર, ગાથા ૫૦, પૃ ૨૦, સંપા. અને પ્રકા નાથુરામ પ્રેમી, માણિકચંદ્ર દિગંબર જૈન ગ્રંથમાલા સમિતિ, વિ. સં. ૧૯૭૪. १५. 'दर्शन-सार' (विवेचना) पृ० २२, संपा० और प्रका० नाथूराम प्रेमी, जैनग्रन्थ रत्नाकरकार्यालय, बम्बई वि. सं० १९७४. ૧૬. નીતિસાર, ગાથા ૧૦, પૃ. ૫૯; સંપા. મનોહરલાલ શાસ્ત્રી; પ્રકાર નાથુરામ પ્રેમી, માણિકચંદ્ર દિગંબર જૈન ગ્રંથમાલા સમિતિ, વિ. સં. ૧૯૭૫. १७.६शनसार', (विवेयन) पृ. २४, संपा. तथा isto नाथूराम प्रेमी, हैन अंथरत्ना४२ अर्यालय, मुंबई, वि. सं. १८७४. १८. जैन साहित्य और इतिहास, द्वितीय संशोधित परिवर्द्धित संस्करण, लेखक : नाथूराम प्रेमी, प्रका० संशोधितसाहित्यमाला, ठाकुरद्वार, बम्बई २, अक्टूबर, १९५६, पृ० १७०. ૧૯. નયચક્રાદિસંગ્રહ, સંપા. પં. બંસીધર; પ્રકા માણિકચંદ્ર દિગંબર જૈન ગ્રંથમાલા समिति, मुंबई, वि. सं. १८७७, पृ. १४८. २०. जैन साहित्य और इतिहास, द्वितीय संशोधित परिवद्धित संस्करण, लेखक : नाथूराम प्रेमी, प्रका० संशोधितसाहित्यमाला, ठाकुरद्वार, बम्बई, २ अक्टूबर, १९५६, पृ० १७०. २१. आलापपद्धति : एक समीक्षात्मक अध्ययन डॉ. देवेन्द्रकुमार शास्त्री, पृ० ६७७ सिद्धान्ताचार्य पं० फूलचंद शास्त्री अभिनंदन ग्रंथ, वाराणसी, १९८५. २२. जैन साहित्य और इतिहास, द्वितीय संशोधित परिवर्द्धित संस्करण, लेखक : नाथूराम प्रेमी, प्रका० संशोधितसाहित्यमाला, ठाकुरद्धार, बम्बई २, अक्टूबर १९५६, पृ० १७० १७१. ૨૩. દર્શનસાર, સંપા. પંડિત કૈલાશચંદ્ર શાસ્ત્રી. २४. आलापपद्धति : एक समीक्षात्मक अध्ययन ‘डॉ. देवेन्द्रकुमार शास्त्री, पृ० ६७७ सिद्धान्ताचार्य पं० फूलचंद शास्त्री अभिनंदन ग्रंथ, वाराणसी, १९८५. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108