Book Title: Jain Darshan me Karma Siddhanta Ek Adhyayana
Author(s): Manorama Jain
Publisher: Jinendravarni Granthamala Panipat

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Page 175
________________ कर्म बन्धके कारण तथा भेदप्रभेद • घातिया ४७ देशघाती २६ ज्ञानावरण ४ दर्शनावरण ३ मोहनीय १४ अन्तराय ५ मति सम्यक्मोह १ दान • चक्षु श्रुत अचक्षु अवधि अवधि मन:पर्यय घातिया - अघातिया कर्म प्रकृतियों की तालिका कुल प्रकृतियाँ १४८ वेदनीय २ साता असाता संज्वलन ४ लाभ नोकषाय ९ भोग उपभोग वीर्य आयु ४ नरक तिर्यंच मनुष्य देव Jain Education International 2010_03 अघातिया १०१ अघातिया १०१ सर्वघाती, २१ ज्ञानावरण १ दर्शनावरण ६ मोहनीय १४ केवल केवल मिथ्यात्व मोह १ निद्रा मिश्रमोह १ निद्रा-निद्रा अनन्तानुबन्धी ४ प्रचला अप्रत्याख्यान४ प्रचलाप्रचला प्रत्याख्यान ४ स्त्यानगृद्धि नाम ९३ पिण्ड प्रकृतियाँ ६५ प्रत्येक प्रकृतियाँ ८ त्रस दसक १० स्थावर दशक १० गोत्र २ नोट ः नामकर्म की प्रकृतियों के भेदों के नाम पीछे नामकर्म में देखे । For Private & Personal Use Only १५३ उच्च नीच www.jainelibrary.org

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