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परिशिष्ट-२
सन्दर्भ-ग्रन्थानुक्रमणिका मूल संस्कृत तथा प्राकृत ग्रन्यअष्टाध्यायी
आचार्य पाणिनि आत्मबोध
आचार्य शंकर, ओरियन्टल बुक एजेन्सी पूना,
१९५२ आत्मोपनिषद् एक सौ आठ उपनिषद्, संस्कृति संस्थान, बरेली,
१९६८ आप्तपरीक्षा
आचार्य विद्यानन्दि, वीरसेवा मंदिर सरसावा,
संवत् २००६ आलाप पद्धति
आचार्य देवसेन, सन्मतिसुमन माला चौरासी, अनुवादक तथा टीकाकार पंडित दीपचन्द वर्णी, वीर
निर्वाण संवत् २४५९ उत्तराध्ययन सूत्र गुड़गांव, १९५४ एकीभाव स्तोत्र आचार्य श्रीवादिराज, हुम्बुज श्रमण सिद्धान्त
पाठावलि, जयपुर, १९८२ कठोपनिषद्
ईशादिनोउपनिषद्, गीताप्रेस गोरखपुर, वि०सं० २०१० कर्मग्रन्थ
श्रीमद्देवेन्द्र सूरि आचार्य, जैन पुस्तक प्रचारक
मंडल, आगरा, १९३९ कर्मप्रकृति
श्री नेमिचन्द्राचार्य, भारतीय ज्ञानपीठ, सन् १९४४ कषाय पाहुड़
श्री गुणधराचार्य दिगम्बर जैन संघ, मथुरा चौरासी
विक्रम सं० २००० कार्तिकेयानुप्रेक्षा स्वामी कार्तिकेय कुमार विरचित, राजचन्द्र
ग्रन्थमाला, ई० १९६० कुरल काव्य
श्री कुन्दकुन्दाचार्य, पं० गोविन्दराज जैन शास्त्री,
वीर निर्वाण सं० २४८० क्षपणसार
श्री नेमिचन्द्राचार्य, परमश्रुतप्रभावक मंडल अगास,
१९८० गोम्मटसार कर्मकाण्ड श्री नेमिंचन्द्राचार्य, भारतीय ज्ञानपीठ, १९८० गोम्मटसार जीवकाण्ड श्री नेमिचन्द्राचार्य, भारतीय ज्ञानपीठ, १९७८
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