Book Title: Jain Darshan me Karma Siddhanta Ek Adhyayana
Author(s): Manorama Jain
Publisher: Jinendravarni Granthamala Panipat

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Page 239
________________ चारित्र पाहुड चारित्रसार ज्ञानार्णव छान्दोग्योपनिषद् जम्बुद्वीप प जैन दर्शनसार जैनेन्द्र सिद्धान्त कोश भाग १, २, ३, ४ ज्ञानबिन्दु प्रकरण तत्त्वबोध तत्त्वार्थ सूत्र तर्क भाषा तिलोपणति द्रव्य संग्रह नियमसार नैष्कर्म्य सिद्धि न्याय विनिश्चय न्याय सूत्र न्यायसूत्र पंच संग्रह प्राकृत पंच संग्रह संस्कृत पंचाध्यायी Jain Education International 2010_03 (V) श्री कुन्दकुन्दाचार्य, माणिकचन्द्र ग्रन्थमाला, बंबई, वि०सं० १९७७ श्री चामुण्डराय, महावीर जी, वीर निर्वाण सं० २४८८ श्री शुभचन्द्राचार्य, राजचन्द्र ग्रन्थमाला, ईसवी १९०७ गीता प्रेस गोरखपुर, वि०सं० २०१३ आचार्य पद्मनन्दि, जैन संस्कृति संरक्षण संघ, सोलापुर वि०सं० २०१४ पं० चैन सुखदास, सद्द्बोध ग्रन्थमाला, जयपुर, १९५० श्री जिनेन्द्र वर्णी, भारतीय ज्ञानपीठ ई० १९७०, ७१ ७२, ७३ यशोविजय उपाध्याय, सिंघईजैन ज्ञानपीठवि० सं० १९९८ श्री शंकराचार्य, स्टीम प्रेस, बम्बई, संवत् १९८८ श्री उमा स्वामी, जबलपुर, १९७९ श्री केशव मिश्र, साहित्य भंडार, मेरठ, १९७६ आचार्य यतिवृषभ, जीवराज ग्रन्थमाला, सोलापुर वि०सं० १९९९ श्री नेमिचन्द्राचार्य, देहली, ई० १९५३ श्री कुन्दकुन्दाचार्य, जैन ग्रन्थ रत्नाकार, बंबई १९१६ श्री सुरेश्वराचार्य, पूना, १९२५ आचार्य अकलंक भट्ट, भारतीय ज्ञानपीठ, बनारस गौतम, पूना, १९३९ वात्स्यायन भाष्य, बनारस, १९२० आचार्य अमितगति; भारतीय ज्ञानपीठ, काशी, ई० १९६० आचार्य अमितगति; भारतीय ज्ञान पीठ, काशी, १९६० राजमल पं० देवकीनन्दन, महावीर आश्रम, कारंजा, १९३२ For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org


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