Book Title: Jain Darshan aur Vigyan
Author(s): G R Jain
Publisher: G R Jain

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Page 22
________________ १४ कर रही है (देखो चित्र न० १) हीलियम गैस के एटम में केन्द्र में दो कृष्ण हैं और उसके चारों ओर दो गोपियाँ नाच रही हैं, इसी प्रकार लीथियम के परमाणु में तीन कृष्ण, तीन गोपियां और बैरीलियम नामक धातु के परमाणु में चार कृष्ण चार गोपियां हैं । हर तत्त्व के एटम में उसके भारीपन के अनुपात से कृष्ण और गोपियों की संख्या बढ़ती चली गई है। चित्र नं. २ इम चित्र में हिलियम लिथियम और बैरलियम नामक तत्वों के परमाणु दिखाये गये हैं। इनमें केवल यह। अन्तर है कि कृष्ण और गोपियों की संख्या निरन्तर बढ़ती हुई दिग्व नाई गई है। (देखो चित्र न० २) मुख्य बात जानने की यह है कि एटम चाहे किसी भी तत्त्व का क्यों न हो, उमके अन्दर केवल कृष्ण और गोपियों का नाच हो रहा है । साथ में मनसुखा का भी योग है । इस मनमुखा को 'न्यूट्रोन' कहा गया है। रेडियो सक्रियता रेडियो सक्रियता (Radio Activity) भ्रम उत्पन्न करने वाला शब्द है । इस क्रिया का घर-घर में विद्यमान रेडियो से दूर का भी सम्बन्ध नहीं है । इसका सही नाम रेडियो सक्रियताः (Radiation Activity, होना चाहिये

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