Book Title: Jain Darshan aur Vigyan
Author(s): G R Jain
Publisher: G R Jain

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Page 75
________________ केन्द्रीय स्वास्थ्य मन्त्री माननीय श्री डी. पी. करमरकर (D P. Karmarkar) ने ११ दिसम्बर १९५६ को लोकसभा में कहा था कि "वनस्पति घी के मुकाबले में शुद्ध तेल कहीं अधिक स्वास्थ्यप्रद है और यदि सम्भव हो तो शुद्ध तेल का ही व्यवहार करना चाहिये ।" ६.शक्कर ( Sugar ) अाज जो दानेदार सफेद शक्कर बाजारों में बिक रही है, यह कई कारणों से खाने के योग्य नहीं है। एक कारण तो यह है कि पहले बूरे के नाम से जो भूरी शक्कर बिकती थी वह विटामिनों से युक्त होती थी और शरीर को लगती थी। इसके लिये शक्कर शरीर में क्या काम करती है, इसको अधिक स्पष्ट समझ लेना जरूरी है। कोई भी कार्बोहाइड्रेट (Carbohydrate.) मुह के थूक मिलने पर शक्कर में परिवर्तित हो जाता है और पेट में पहुंच कर पेंक्रियाज़ (Pancreas) नाम की ग्रन्थि से जो इन्सुलिन (Insulin) नामक रस निकलता है उसकी सहायता से ग्लाइकोजन Glycogen) में परिवर्तित हो जाता है । ग्लाइकोजन का भण्डार जिगर (Liver) में रहता है और यह प्राणियों की शक्तियों का स्रोत है। जब मनुष्य कोई मेहनत का काम करता है तो प्रावश्यक शक्ति ग्लाइकोजन के जलने से उत्पन्न होती है। दूसरे शब्दों में यू कह सकते हैं कि शक्कर वह ईधन है जिमके जलने से शरीर को शक्ति प्राप्त होती है। जिस प्रकार कोयला जलकर पानी को भाप में बदलता

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