Book Title: Jain Darshan aur Vigyan
Author(s): G R Jain
Publisher: G R Jain

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Page 69
________________ वह साक्षात् जहर ही है। यह वीर्य को पतला करता है और नींद में बाधा उत्पन्न करता है, फिर भी इसकी लोकप्रियता दिनोंदिन बढ़ती जाती है। वैज्ञानिकों ने नकली दूध भी तैयार कर दि । है कोनूर न्यूट्रिशन लेबोरेटरी ((noor Anthition Labe ratory) में मूगफली की गिरी से । इसका खूब प्रचार किया जा रहा है और इसका दही भो जमाया जाता है। इसके व्यवहार से क्या दुखद अथवा सुखद परिणाम निकलेंगे यह तो भविष्य ही बतलाएगा, किन्तु यह बात कभी न भूलियेगा कि कृत्रिम साधनों द्वारा बनाया गया कोई भी पदार्थ कुदरती पदार्थ के गुणों का सहस्रांश भी मुकाबला नहीं कर सकता। ५. घी भोजन का सबसे पुष्टिकारक अंग है घी । बालपन और जवानी की उम्र में काहारियों के लिये घी ही एक ऐसा पदार्थ है जो शरीर के रगपुट्ठों को बलिप्ठ बनाता है। हां, वृद्धावस्था में इसका अधिक सेवन नहीं करना चाहिये ; क्योंकि घो के अन्दर जो Cholesterol नाम का पदार्थ रहता है वह दिल के अन्दर जमा होकर दिल की बीमारी पैदा कर देता है और हार्टफेल का कारण बन सकता है। गाय का घी* सबसे श्रेष्ठ कहा गया है। इसमें एक गमायनिक पदार्थ ___* रूसी वैज्ञानिकों ने यह भी खोज की है कि गाय के घी मे हवन करने पर जो धुश्रा उठता है उससे वायु में फैले हुये एटमबम विस्फोट को गैसों का कुप्रभाव प्राणियों पर बहुत कम हो जाता है।

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