Book Title: Jain Darshan aur Vigyan
Author(s): G R Jain
Publisher: G R Jain

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Page 27
________________ चित्र नं. ४ व ५) दूसरे शब्दों में पुद्गल शब्द को सभी दिशाओं में पूर्ण विजय प्राप्त हुई है । (देखो चित्र नं. ६, ७ व ८) (a) BEFORE COLLISION वित्र नं. ६ और ७ में पुद्गल का गल यन्ति स्वभाव दर्शाया गया है । चित्र ६ में लीथियम धातु का परमाणु दिखलाया गया है। इसकी नाभि में एक एल्फा कण और तीन प्रोटोन, और दो इले. क्ट्रोन पाये जाते हैं। बाय हाथ का तार (-) द्वारा यह चित्रना६ दिग्व लाया गया है (6) AFTER COLLISION कि एक प्रोटीन उस परमाणु की नाभि में बड़े बंग में प्रहार करने जा रहा है। प्रहार के पश्चात जो ALPHA PARTICLE ALPHA PARTICLE अवस्था होती है वह चित्र नं ७ चित्र में दिग्वलाई गई है। हम चित्र को दंग्वने से ज्ञात हं.गा कि यह प्र टोन अन्दर घुम कर एक एल्फा कण बनाना है और विस्फोट की क्रिया में दोनों एल्फा कण पृथक पृथक हा जाते हैं। इस प्रक्रिया में पृग्यनित और गलयन्ति दोनों क्रियाएँ साथ-साथ हो रही हैं । PROTON BULLET

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