Book Title: Jain Darshan aur Vigyan
Author(s): G R Jain
Publisher: G R Jain

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Page 46
________________ ३८ है। समय की नाप के लिये इतनी मूक्ष्मता तक पहुंचना सर्वथा मराहनीय है। हिन्दू ग्रन्थों में भी किञ्चित् नाम भेद से ५४०००० तत्परस की एक घड़ी बतलाई है अर्थात् टाइम की छोटी से छोटी यूनिट तत्परस है और यह एक सेकिण्ड का नो हजार वां भाग है । तात्पर्य यह है कि हिन्दुओं का तत्परस और जैनों का प्रतिविपलाँश एक ही चीज है। समय का एक और पैमाना हिन्दू ग्रन्थों में उपलब्ध होता है। उसके अनुसार एक सेकिण्ड में २०२५०० त्रुटियां होती हैं। इस पैमाने के अनुसार न्यूनतम समय १ सेकिण्ड का २०२५०० वां भाग होता है।

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