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बनेकी
इस वचन के अनुसार जैसे आपने स्वयं को साधक बनाया वैसेही सेपक में आने वाले को उपदेश देर सम्यग्दर्शन पूर्वक समूग्गुणोंकी पाळगा, अमात्यमक्षण का परित्याग, व्यसनोका त्याग, देवदर्शन-पूजा सामायिन- स्वाध्याय आदि गावाविषयत्र व्रतोकी यमनियम स्पसे प्रेणा करके आयारशाचदा प्रयास करनेसे समाजर) कारवमें उधार होगा। परमोपकार होगा।
हार्दिक भावना है कि, इस दिशाम साढला प्राप्त होने के लिए आपको पयप्ति मामबन्द प्राप्त हो और सदमदी आपके द्वारा निरेता धानिमावना
एसा हमारा शुभाजीवाद है और उलुभाभी है। होती रहे। ॐ शुभे भूयात् । मंगत भूया
“तवात्मन् आमनीने डास्मिन जैन धर्मति निर्मवे । स्यवीयसी करिः स्येयादामुळे महिनादिनी) "
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ॐ - ॐ ॐ ॐ जया आपन
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