Book Title: He Prabhu
Author(s): Shrimad Rajchandra Swadhyaya Mandir
Publisher: Shrimad Rajchandra Swadhyaya Mandir

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Page 16
________________ भाषा दिन विदारतले जबसे, हजुर २ 6 सान ? दिन सर्व३३ अयन यो पढे, मुक भारत में हुए जातकले ईना एक पावलले तुमकी; यह करत रही मुंगुरे मी इसमें प्राप्ते हुए रसो एक आवारे सर्व सुमने क्व मनकमन से, मनसे २१५ से. गुरदेव हि भान হলभात्य कसै नाक हैरल सिर्फ बने आप‌को २११ अमृत पावती प्रेमपनी ४ B

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