________________
.
"
मुकृतसंकीर्तनकाव्य । इन ग्रंथामें महामात्यके किये धार्मिक-नैतिक-स्वकल्याण-परकल्याण के कार्योंका सविस्तर वर्णन है.
--*-- महाअमात्य-वस्तुपाल तेजपाल के किये
शुभ कार्योंका संक्षिप्त वर्णन. (१३१३) नवीन जिन मंदिर कराये। (३३००) जिन चैत्योंका जीर्णोद्धार कराया। (३२००) जैनेतर मंदिर बनवाये । (५५०) ब्रह्मशाला। (५०१) तपस्वि लोगोकी जगह तयार कराई। (५००) दान शालायें कराई। (९८४) धर्मशाला ( उपाश्रय ) बनवाये । (३०) कोट तयार कराये। (८४) सरोवर खोदाये। (४६४) वापी-बौली। (१००) जैन सिद्धान्तोके भंडार किये ।
Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Unnaway. Surratagyanbhandar.com