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[ १ ] इसमें कई एक निबन्ध हैं जैसे गौतम स्वामीका अटा पद तीर्थ बंदन कानडा महावीर स्थापना, जिन प्रभावार्य संवन्ध जिनप्रभरि अवदात संबन्ध झ as साधु संवन्ध वगैरह ।
(३२) वस्तुपाल चरिच इसके कर्ता तपाच्छीय श्रीमान् जिन हर्ष गणि हैं सोलहवीं शताब्दीमें यह बना है.
(३३) सोम सौभाग्य काव्य - यह काव्य प्रतिष्ठा • सोम गणि विरचित है इसको वि. सं० १५२४ में बनाया है ।
(३४) गुरु गुण रत्नाकर काव्य - इसके रचयिता श्रीमान् सोम चारित्र गणिने वि० सं० १५४१ में इसको बनाया है ।
३५ जगदगुरु काव्य २३३ श्लोक का यह एक छोटासा का है इसके कर्ता विमलसागर गणिके शिष्य श्रीमान् पद्मसागर गणि हैं सं. १६४६ में यह काव्य बना है.
(३६) उपदेश तरंगिणी इसके कर्ता श्रीमान्
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