Book Title: Girnar Galp
Author(s): Lalitvijay
Publisher: Hansvijayji Free Jain Library

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Page 126
________________ [ ११५] भी इसीही काश्मीर देशका रहनेवाला था, और इस के सत्तासमयमे वहां जैनधर्म बड़े प्राबल्यमे था. आज भी शहर जम्मुमे एक जैन मंदिर और कितनेक जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजकांके घर है। जैन श्वेताम्बर साधुओंकी चतुर्मास स्थिति भी होती है। हां मूर्ति पूजकोकी अपेक्षा साधमार्गी जैन जिनको लोग दृढियों के नामसे जानते पहचानते है उनकी वस्ति जम्मुमे ज्यादा है सो उसमे सब सिर्फ यह ही है कि कितनेक अरसे से अपने लोगोका उधर • विवरना बंद हो गया है और ढूंढिये लोगोंका अ___ कसर फिरना रहता है। Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umesesy.Samantagyanbhandar.com

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