Book Title: Girnar Galp
Author(s): Lalitvijay
Publisher: Hansvijayji Free Jain Library

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Page 127
________________ [ ११६ ] संक्षिप्तसार - रास - गिरनार. " पहले जिसका संक्षिप्त वर्णन लिखा जा चुका है, जैसे उस काश्मीर देशके “ नवफुल्ल "" नामक गाममे नवहंस नामा राजाथा जोकि देवी नामक राज कन्यासे व्याहा हुआ था. नवहंस नृपति के पाटनगर नवफुल्ल मे पूर्णचंद्र शाहुकार रहता था जोकि- सौभाग्यादि गुणोका आकर होकर भी उत्कृष्ट सदाचारी था । जिनधर्मका आराधन करते हुए कल्पतरु के प्रिय फलोंके समान - रतन १ मदन २ और पूर्णसिंह यह तीन लडके उसके सर्व मनोरथ को पूरण करनेवाले पैदा हुए, इस लिये पूर्णचंद्र श्रेष्टि निश्चिन्त रहकर अपनी जीवन चर्याको व्यतीत करता था एक समय का जिकर है कि महादेव नामक एक सूरि सपरिवार उस नगरके किसी विशाल और रमणीव आराम खंडमे आकर समवसरे । Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Unwaway. Somatagyanbhandar.com

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