________________
[ ८० ] आसपास रत्नसिंहरिके शिष्य चारित्र सुन्दर गणिने इसको बनाया है इसमें भी मूलराजसे लगाकर कुमारपाल तक के सेलकियोंका इतिहास है.
(२७) उपदेश सप्ततिका - इस ग्रन्थके कर्ता सोम धर्म गणि हैं यह ग्रन्थ भी उपदेश तरंगिणी की तरह कितनेक अंशा में ऐतिहासिक रीत्या उपयोगी है इस ग्रन्थ की संवत् १४२२ में रचना हुई है ।
(२८) गुर्वावली - इसके कर्ता हैं मुनि सुन्दरसूरि । यह ग्रन्थ वि.सं. १४६६ में बना है ।
(२९) कुमारपाल प्रबन्ध - इसके रचयिता है श्रीमान् जिनमंडल उपाध्याय वि. सं. १४९२ में इसको बनाया है.
(३०) महावीर प्रशस्ति - वि० सं० १४५ में श्रीमान् चारित्ररत्र गणिने इसको बनाया है । इस ग्रन्थमें चित्रकूट के महावीर स्वामीके मंदिरकी प्रशस्ति है ।
(३१) पंचाशति प्रबोध संबन्ध श्रीमान् शुभशील गणिने वि० सं. १५२१ में इसको बनाया है
Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Unwaway.Sumatagyanbhandar.com