Book Title: Bhagwati Sutra Part 06
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
View full book text
________________
प्रमेयचन्द्रिका टीका श.८ उ. ६ स. ४ दीपस्वरूपनिरूपणम् ७१७ ध्मायति ? गौतम ! नो प्रदीपो ध्मायति, यावत् नो पदीपचम्पकं ध्मायति; ज्योतिः ध्मायति; आगारस्य खल भदन्त ! ध्मायतः किम् आगारं ध्मोयति; कुड यानि ध्मायति कडनानि ध्मायति धारणे ध्मायतः, बलहरणं ध्मायति, वंशाः ध्मायन्ति, मल्लाः ध्मायन्ति, वल्का ध्मायन्ति, छित्वराणि ध्मायन्तिः
दीप स्वरूप वक्तव्यता'पईवस्स णं भंते ! झियायमाणस्स किं पइवे' इत्यादि।
सूत्रार्थ- (पईवस्स णं भंते ! झियायमाणस्स किं पईवे झियाइ.) हे भदन्त ! जलते हुए दीपक में क्या जलता है ? क्या दीपक जलता है ? (लट्ठी झियाइ ) या दीपक की यष्टि जिस यष्टि पर दीवा रखा जाता है वह जलती है ? (बत्ती झियाइ) अर्थात् बत्ती जलती है ? ( तेल्ले झियाइ ) या तेल जलता है ? (दीपचंपए झियाइ ) या दीपकका आधारभूत पात्र जलता है ? (जोई झीयाइ) या ज्योति-अग्नि-जलती है ? ( गोयमा !) हे गौतम ! (नो पइवे झियाइ जाव नो पइवचंपए झियाइ जोइ झियाइ ) प्रदीप नहीं जलता है-यावत् प्रदीपका आधारभूत पात्र नहीं जलता है, किन्तुज्योती-अग्नि जलती है। (अगारस्स णं भंते ! झियायमाणस्स किं अगारे झियाइ, कुड्डा झियाइ, कडगा झियाइ, धारणा झियाइ बल हरणे झियाइ, वंसा झियाइ, मल्ला झियाइ, बग्गा झियाइ छित्तरा
हाय २१३५.तव्यता-- 'पईवस्सणं भंते ! झियायमाणस्स कि पइवे झियाइ' माह
सूत्राथ :- (पईवस्सण मंते ! झियायमाणस्स कि पईवे जियाइ) scieral मगत ५४मा शु मणे छ ! , ५ मणे 2 ? (लट्ठी झियाइ) Rellit ale भने छ ? (वत्ति ज्ञियाइ) मत्ति पणे छ ? (तेल्ले झियाइ)...तर मने ? (दीवचंपए झियाइ) टीप:र्नु अाधारभूत पात्र मणे छे ? (जोई झियाइ) ४ न्योती (मन) भने छ ? (गोयमा !) गौतम 1 (नो पइवे झियाई जाच नो पइवचंपए झियाई-जोइ झियाई) प्रदीप मगता नथी, अपना आधारभूत पात्र पतनी als vey परंतु माती नथा, परन्तु ज्योति () मणे : (अंगारस्स णं भंते ! झियायमाणस्म कि अगारे झियाइ, कुड्डा झियाइ, कडणा झियाइ, धारणा प्रियाइ, बलहरणे प्रियाइ, बंसा प्रियाइ, मल्ला मियाइ, बग्गा मियाइ, वित्तम

Page Navigation
1 ... 715 716 717 718 719 720 721 722 723 724 725 726 727 728 729 730 731 732 733 734 735 736 737 738 739 740 741 742 743 744 745 746 747 748 749 750 751 752 753 754 755 756 757 758 759 760 761 762 763 764 765 766 767 768 769 770 771 772 773 774 775 776 777 778 779 780 781 782 783 784 785 786 787 788 789 790 791 792 793 794 795 796 797 798 799 800 801 802 803 804 805 806 807 808 809 810 811