Book Title: Bhagwati Sutra Part 06
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti

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Page 760
________________ ७६० भगवतीसूत्रे स्थविरा भगवन्तः तान् अन्ययूथिकान् एवम् अवादिषुः-नो खलु आर्याः ! वयम् अदेत्त गृहीमः, अदत्त भुञ्जमहे, अदत्त स्वदामहे, वयं खलु आर्याः ! दत्त गृहोमः दत्त भुजूमहे, दत्त स्वदामहे, तेन खलु वयम् दत्त गृह्णन्तः, दत्त भुञ्जानाः, दत्त स्वदमानाः त्रिविधं त्रिविधेन संयतविरतप्रतिहता यथा सप्तमगतके यावद् एकान्तपण्डिताश्चापि भवामः, ततःखलु ते अन्यको ग्रहण करने की अनुमति देते हो। इस कारण अदत्त को ग्रहण करते हुए तुम यावत् एकान्तबाल हो। (तएणं ते थेरा भगवंतो ते अन्नउस्थिए एवं वयामी-नो खलु अज्जो अम्हे अदिन्नं गिण्हामो, अदिन्न भुजामो, अदिन्न साइजामो अम्हेणं अज्जो दिन भुजामो, दिन्न साइजामो, तएणं अम्हे दिन गेहलाणा, दिन भुजमाणा, दिन साइजमाणा तिविहं तिविहेणं संजयविरयपडियजहा सत्तसए जाव एगंतपंडिया यावि भवामो) इस प्रकार से अन्ययूथिकों की बात सुनकर उन स्थविर भगवंतोंने उनसे इस प्रकार कहा-हे आर्यो ! हम लोग अदत्त वस्तु को ग्रहण नहीं करते हैं, अदत्त वस्तु का आहार नहीं करते हैं, और अदत्त वस्तु को ग्रहण करने की हम लोग अनुमोदना नहीं करते हैं। हे आर्यो! हम लोग दिये गये पदार्थ को ही लेते हैं, दिये गये पदार्थ का ही आहार करते हैं और दिये गये पदार्थ को ही हमलोग अनुमोदन करते हैं। इसलिये दी हुई वस्तु का ग्रहण करते हैं, दी हुई वस्तुका सेवन करते हैं और दी પદાર્થને ગ્રહણ કરે છે, અદત્ત પદાર્થનુ સેવન કરે છે અને અદત્ત પદાર્થ ગ્રહણ કરવાની અનુમતિ આપે છેઆ રીતે અદત્તને ગ્રહણ કરતા એવા તમે અસંયતથી सपने मे-तमास मा विशेषगुवाका छो. (तएणं ते थेरा भगवंतो ते अन्नउथिए एवं वयासी-नो खल अज्जो ! अदिन गिण्हामो, अदिन्नं मुंजामो, अदिन्नं साइज्जामो, अम्हे दिन गेण्हमाणा. दिन्न भुंजमाणा, दिन्नं साइज्जमाणा, तिविहं तिविहेणं संजय विरयं पडिहय जहा सत्तमसए जाव एगंतपंडिया यावि भवामो ) अन्य भतवाहीमानी मा अनी समजाने તે સ્થવિર ભગવ તોએ તેમને આ પ્રમાણે કહ્યુંહે આર્યો ! અમે અદત્ત વસ્તુને ગ્રહણ કરતા નથી, અદત્ત વરતુને આહાર કરતા નથી અને અદત્ત વસ્તુને ગ્રહણ કરવાની અનુમોદના આપતા નથી. હે આર્યો! અમે આપવામાં આવેલા પદાર્થો જ ગ્રહણ કરીએ છીએ, અમને આપવામાં આવેલા પદાર્થોને જ આહાર કરીએ છીએ અને આપવામાં આવેલા પદાર્થ લેવાની અનુમતિ આપીએ છીએ. આ રીતે દત્ત વસ્તુને ગ્રહણ કરનારા,

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