Book Title: Bhagvana Mahavira Diwakar Chitrakatha 009 010
Author(s): Purnachandramuni, Shreechand Surana
Publisher: Diwakar Prakashan

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Page 15
________________ करुणानिधान भगवान महावीर देवलोक से आयु पूर्ण करके अठारहवें भव में भगवान महावीर का जीव पोतनपुर के राजा प्रजापति की रानी मृगावती के गर्भ में आया। रानी ने सात शुभ स्वप्न देखे। 888888887 MIS रानी ने एक तेजस्वी पुत्र को जन्म दिया। पीठ पर तीन रेखाएँ देखकर उसका नाम त्रिपृष्ठ रखा गया। उस समय रत्नपुर में अश्वग्रीव नाम का प्रतिवासुदेव राजा अपनी सेना के बल पर पूर्व जन्म की तपस्या के फलस्वरूप त्रिपृष्ठ कुमार अद्भुत आस-पास के राज्यों पर अधिकार जमा रहा पराक्रमी, साहसी और तेजस्वी राजकुमार बना । था। उसने भरत क्षेत्र के तीनों खण्डों पर अपना एक छत्री राज्य स्थापित कर लिया था। • वासुदेव के जन्म के समय उनकी माता को सात शुभ स्वप्न आते हैं। Jain Education International EXEC 13 F For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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