Book Title: Bhagvana Mahavira Diwakar Chitrakatha 009 010
Author(s): Purnachandramuni, Shreechand Surana
Publisher: Diwakar Prakashan
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करुणानिधान भगवान महावीर
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भगवान के दोनों पैरों के बीच में आग जलाकर खीर पकाने लगा। शेर चीतों का रूप बनाकर भगवान को नाखूनों से चीरने का प्रयत्न किया। परन्तु भगवान हिमालय की भाँति अविचल ध्यान में मग्न खड़े रहे।
जब संगम ने देखा, कि इन प्राण लेवा कष्टों से भी महावीर का
भा महावीर का ध्यान नहीं टूटा, तो उसने महावीर का मन चंचल बनाने के लिए वसन्त ऋतु का कामोत्तेजक वातावरण बनाया। कर
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लेकिन महावीर का ध्यान भंग नहीं कर सका। Personal use only
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