Book Title: Bhagvana Mahavira Diwakar Chitrakatha 009 010
Author(s): Purnachandramuni, Shreechand Surana
Publisher: Diwakar Prakashan

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Page 63
________________ गौतम ने कहा N. ना ! ना ! मैं इनके पास नहीं जाऊँगा। WMANY गौतम ने किसान को अपना शिष्य बना लिया। गौतम के पीछे-पीछे चलता नया शिष्य भगवान महावीर की ओर देखकर मारे भय के काँपने लग गया। भद्र ! क्यों नहीं? वो देखो, मेरे धर्मगुरू वहाँ हैं, उनके पास चलो। Jain Education International धान भगवान महावीर भद्र ! ये हमारे धर्माचार्य हैं। इनसे डरो मत! maand नये शिष्य को लेकर गौतम भगवान के पास पहुँचे। भद्र ! ये ही हम सबके गुरु हैं। बड़े-बड़े सम्राट, इन्द्र देव आदि भी इनके चरणों में झुकते हैं। तुम भी इनके चरणों में नमस्कार करो। WWW.TE नया शिष्य बोला TEVE G 61 For Private & Personal Use Only AN GE ना, गुरुजी ! अगर ये ही तुम्हारे गुरू हैं तो तुम्हीं रखो, मुझे नहीं चाहिए। show pars THE और वह उल्टे पाँव जंगल की ओर भाग गया। www.jalnelibrary.org

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