Book Title: Bhagvana Mahavira Diwakar Chitrakatha 009 010
Author(s): Purnachandramuni, Shreechand Surana
Publisher: Diwakar Prakashan

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Page 18
________________ करुणानिधान भगवान महावीर कुमार ने सिंह को सामने देखकर सोचा- राजकुमार त्रिपृष्ठ रथ से उतरे और शरत्र फैंकका अकेले सिंह के सामने पहुंच गये। सिंह ने जैसे ही यह सिंह निहत्था कुमार पर आक्रमण कियाहै तो मैं भी शस्त्र से क्यों लडूं? HELL LEEO EGA कुमार ने सिंह का जबड़ापकड़कर यों चीर डाला जैसे कोई पुराना कपड़ा हो? सिंह को मारने की खबर सुनते ही अश्वग्रीव पर बिजली सी गिर पड़ी यह छोकरा अवश्य ही मेटी। र मृत्यु का कारण बनेगा। इसे । खत्म कर देना चाहिये। 16 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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