Book Title: Bhagvana Mahavira Diwakar Chitrakatha 009 010
Author(s): Purnachandramuni, Shreechand Surana
Publisher: Diwakar Prakashan
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करुणानिधान भगवान महावीर
• वैशाली के उत्तर भाग में ब्राह्मणकुण्ड नाम का एक उपनगर था। वहाँ भगवान पार्श्वनाथ का भक्त ऋषभदत्त नाम का धनाढ्य ब्राह्मण अपनी पत्नी देवानन्दा के साथ रहता था। भगवान महावीर का जीव दसवें देवलोक से आयु पूर्ण करके देवानन्दा के गर्भ में आया। (उस रात देवानन्दा ने १४ शुभ स्वप्न देखे) ।
भगवान महावीर के गर्भ में आने के बयासी दिन पश्चात् सौधर्म स्वर्ग के इन्द्र ने अपने अवधिज्ञान से देखा। अन्तिम तीर्थंकर माता देवानन्दा के गर्भ में आये हुये हैं।
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फिर इन्द्र ने विचार किया।
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तीर्थंकर भगवान का जन्म तो सदा ही क्षत्रिय कुल में
होता है। आश्चर्य ! भगवान का जीव ब्राह्मण कुल में आया है?
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