Book Title: Bhagvana Mahavira Diwakar Chitrakatha 009 010
Author(s): Purnachandramuni, Shreechand Surana
Publisher: Diwakar Prakashan

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Page 37
________________ करुणानिधान भगवान महावीर ज्ञातखण्ड उद्यान से विहार कर श्रमण भगवान महावीर (एकाकी) आगे वन की ओर बढ़े। संध्या के समय कुमारग्राम के बाहर एक वृक्ष | के नीचे ध्यान समाधि में स्थिर खड़े हो गये।। PAN KOTA YAN SANGKARTA उस समय एक ग्वाला आया और अपने बैलों को वहाँ बैठाकर महावीर से बोला ANMAL भिक्खु, मेरे बैलों का मरा ध्यान रखना। मैं गाँव में जाकर अभी कुछ देर में वापिस आता हूँ। Visit DAMOMEN Simw 300AJAN MAL UAAM BA बैल चरते-चरते दूर निकल गये।। E inemational For 35 Personal Use Only

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