Book Title: Bhagvana Mahavira Diwakar Chitrakatha 009 010
Author(s): Purnachandramuni, Shreechand Surana
Publisher: Diwakar Prakashan

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Page 17
________________ कलणानिधान भगवान महावीर दूत वापस अश्वग्रीव के पास पहुंचा। नमक-मिर्च लगाकर अपने अपमान की घटना सुनाई।अश्वग्रीव बहुत क्रोधित हुआ कुछ ही दिनों बाद अश्वग्रीव ने राजा प्रजापति के पास संदेश भेजा तुंगगिरी के वन में रहने वाले सिंह को मारकर वहाँ के निवासियों की रक्षा करने के लिए जाइए। ESHOOT ALLARSHION VIDEOHotu अश्वग्रीव का आदेश सुनकर त्रिपृष्ठ कुमार राजा प्रजापति से बोला जाला । पिताश्री ! इस छोटे से काम के लिये मुझे जाने दीजिये। आप निश्चिंत रहियेNOSELविजयी बनो! मैं सिंह को मारकर ही आऊँगा। AM जाओ पुत्र! SE भागो! सिंह मार डालेगा। त्रिपृष्ठ कुमार अपने बड़े भाई बलदेव के साथ सैनिकों को लेकर वन की में पहुंचा। सिंह की गुफा के पास पहुंचकर सैनिकों ने हल्ला किया तो गुफा में सोया सिंह उठ गया और दहाड़ता हुआ सैनिकों पर झपटा। बचाओ। ओम बचाओ! AN AMAARI 15 For Private & Personal Use Only Jain Education International www.jainelibrary.org

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