Book Title: Bhagvana Mahavira Diwakar Chitrakatha 009 010
Author(s): Purnachandramuni, Shreechand Surana
Publisher: Diwakar Prakashan
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करुणानिधान भगवान महावीर | अश्वग्रीव ने घबराकर प्रजापति से युद्ध की घोषणा | कर दी। भयंकर युद्ध प्रारंभ हो गया।
अन्त में अश्वग्रीव
त्रिपृष्ठ वासुदेव के प्यार चक्र से मारा गया।
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एक बार त्रिपृष्ठ वासुदेव की
सभा में संगीत का मधुर | कार्यक्रम चल रहा था। वासुदेव ने अपने शय्यापालक से कहा
मुझे नींद आ जाये तो यह संगीत बन्द करा देना।
संगीत सुनते-सुनते ही वासुदेव को नींद लग गई। संगीत की मधुर तान में शय्यापालक इतना
मग्न हो गया कि उसे सम्राट | का आदेश याद ही नहीं रहा।
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देर रात तक संगीत सभा चलती रही।
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