Book Title: Arhat Vachan 2001 04
Author(s): Anupam Jain
Publisher: Kundkund Gyanpith Indore

View full book text
Previous | Next

Page 47
________________ अर्हत्व कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ, इन्दौर औरंगजेब ने लगभग पचास वर्ष तक राज्य किया। उसके शासनकाल में मुगल साम्राज्य के विस्तार का चर्मोत्कर्ष हुआ। जब यह साम्राज्य अपने शिखर पर था, इसका विस्तार उत्तर में काश्मीर से लेकर दक्षिण में जिंजी तथा पश्चिम में हिन्दुकुश से लेकर पूर्व में चटगांव तक था। औरंगजेब बड़ा परिश्रमी शासक था और प्रशासन के कार्य में वह न स्वयं को और न ही अपने अधीनस्थ अधिकारियों को बख्शता था। अपने पूर्वजों की तरह औरंगजेब को दिखाने का कोई शौक नहीं था। अपने व्यक्तिगत जीवन में भी वह अत्यन्त साधारण था। वह अपनी कट्टरता तथा ईश्वर से डरने वाले सच्चे मुसलमान के रूप में प्रसिद्ध था । वर्ष 13, अंक 2 अप्रैल 2001, 45-49 क्या औरंगजेब की नीतियाँ हिन्दू विरोधी थीं? ■ डॉ. अनिल कुमार जैन* शासक के रूप में औरंगजेब की उपलब्धियों के बारे में इतिहासकारों के बीच बड़ा मतभेद है। कुछ के अनुसार औरंगजेब ने अकबर की धार्मिक सहिष्णुता की नीति को बिल्कुल परिवर्तित कर दिया था जिससे साम्राज्य के प्रति हिन्दुओं की निष्ठा कम हो गई थी । मंदिरों के प्रति उसका दृष्टिकोण तथा जजिया लागू करना दूसरे धर्मों के प्रति उसकी असहिष्णुता के प्रबल प्रमाण हैं। औरंगजेब ने सन् 1665 में सोमनाथ के प्रसिद्ध मंदिर सहित गुजरात के बहुत से अन्य मंदिरों को तोड़ने के आदेश दिये। सन् 1669 में बनारस के विश्वनाथ मंदिर तथा वीसलदेव द्वारा जहांगीर के काल में मथुरा में निर्मित केशवराय जैसे प्रमुख मंदिरों को विध्वंस कर दिया गया और इनकी जगह मस्जिदों का निर्माण किया गया। उड़ीसा के भी बहुत से नव निर्मित मंदिरों को ध्वस्त कर दिया गया। सन् 1669-80 में जब औरंगजेब मारबाड़ के राठौड़ों और उदयपुर के राजा के साथ संघर्षरत था, उदयपुर तथा जोधपुर और उसके परगनों के अनेक मंदिरों को अकबर ने गैर मुलसमानों पर लगाये जाने वाले जजिया कर को लेकिन औरंगजेब ने सन् 1679 में इसे पुन: लागू कर दिया । ध्वस्त कर दिया गया। समाप्त कर दिया था, सन् 1675 में सिक्खों के गुरु तेगबहादुर को उनके पांच अनुयायियों के साथ मार डाला गया। इसी प्रकार गुरु गोविन्दसिंह के दो पुत्रों को गिरफ्तार कर लिया तथा बाद में उनका कत्ल कर दिया गया। औरंगजेब के उक्त कार्यों से यही निष्कर्ष निकलता है कि उसकी धार्मिक नीतियाँ गैर मुस्लिम विरोधी, विशेषकर हिन्दू विरोधी थीं। कुछ इतिहासकारों का मत है कि इसी - की प्रतिक्रिया स्वरूप उसे मराठों, सिक्खों तथा जाटों के विद्रोहों का सामना करना पड़ा। लेकिन यह निष्कर्ष निकालने से पहले कुछ मुद्दों पर विचार करना अत्यावश्यक है। धर्म निरपेक्ष राज्य - Jain Education International औरंगजेब के साम्राज्य में अधिकांश आबादी हिन्दुओं की थी। उसके सरदारों में भी हिन्दू सरदारों की संख्या एक चौथाई थी। पिछले मुगल काल में हिन्दू सरदारों की संख्या से यह संख्या अधिक थी । अतः हिन्दुओं का समर्थन पाये बगैर वह इतने लम्बे समय तक शासन नहीं कर सकता था। औरंगजेब कट्टर मुसलमान अवश्य था, लेकिन * प्रबन्धक तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम, बी-26, सूर्यनारायण सोसायटी, विसत पेट्रोल पम्प के सामने, साबरमती, अहमदाबाद-5 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120