Book Title: Arhat Vachan 2001 04
Author(s): Anupam Jain
Publisher: Kundkund Gyanpith Indore

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Page 118
________________ गतिविधियाँ विद्यत् महासंघ पुरस्कारों की घोषणा तीर्थंकर ऋषभदेव जैन विद्वत् महासंघ की कार्यकारिणी की बैठक के निर्णयानुसार वर्ष 2000 के विद्वत् महासंघ पुरस्कारों की निम्नवत् घोषणा की गई है - 1. सौ. चन्दारानी स्मृति विद्वत् महासंघ पुरस्कार (रु. 11,000/- एवं प्रशस्ति पत्र) - श्रीमती सुमन जैन, सम्पादिका - ऋषभ देशना, इन्दौर को। 2. सौ. रूपाबाई विद्वत महासंघ पुरस्कार (रु. 11,000/- एवं प्रशस्ति पत्र) - डॉ. संजीव सराफ, पुस्तकालयाध्यक्ष, सागर एवं प्रो. के. के. जैन, सहा.प्राध्यापक- राजनीति शास्त्र, बीना को संयुक्त रूप से। 3. भगवान ऋषभदेव विद्वत् महासंघ पुरस्कार (केवल निर्वाण महामहोत्सव वर्ष हेतु - पं. शिवचरनलाल जैन के सौजन्य से) (रु. 5,000/- एवं प्रशस्ति पत्र) - डॉ. रमा जैन, पूर्व प्राध्यापक - हिन्दी, छतरपुर को। पुरस्कार समर्पण समारोह 8 जुलाई 2001 को अशशेक विहार फेज-1, दिल्ली में आयोजित किया जायेगा। समस्त पुरस्कृत विद्वानों/विषियों को हार्दिक बधाई। - डॉ. अनुपम जैन, महामंत्री 26 जैन बन्धुओं को प्रधानमंत्री द्वारा जैनरत्न सम्मान प्रदत्त ___ भगवान महावीर के 2600 वें जन्म जयंती वर्ष के सन्दर्भ में 8 अप्रैल 2001 को मुम्बई के सम्मुखानन्द सरस्वती आडिटोरियम में भारत के प्रधानमंत्री माननीय श्री अटलबिहारी बाजपेयी जी के मुख्य आतिथ्य तथा महाराष्ट्र के राज्यपाल श्री पी. सी. अलेक्जेन्डर की अध्यक्षता में आयोजित भव्य समारोह में देश - विदेश में रचनात्मक कार्य करने वाले 26 जैन बन्धुओं को 'जैन रत्न' सम्मान से विभूषित किया गया। सम्मानित महानुभावों में वाणीभूषण पं. ज्ञानचन्दजी स्वतंत्र (विदिशा), श्रीमती इन्दु जैन (दिल्ली), श्री बसंत एम. दोशी (मुम्बई), श्री रवीन्द्र जैन संगीतकार (मुम्बई), श्री अभयकुमार कासलीवाल (मुम्बई), श्री माणकचन्द जैन (कोल्हापुर), श्री धीरज शाह (अमेरिका), श्री सुरेन्द्र मेहता (चेन्नई), श्री आर. सी. बाफना (जलगाँव) के नाम उल्लेखनीय हैं। श्रीमती आनन्दमती जैन स्मृति पारमार्थिक न्यास का गठन प्रसिद्ध समाजसेवी एवं देव - शास्त्र - गुरु के अनन्य भक्त श्री अनिलकुमार जैन 'कागजी' की पूज्य मातेश्वरी 83 वर्षीय श्रीमती आनन्दमती जैन का अत्यन्त शांत एवं धार्मिक परिणामों के मध्य शुक्रवार दि. 11 मई 2001 को मध्यान्ह 1 बजे दिल्ली में निधन हो गया। स्वर्गीय श्री सुलेकचन्द जैन (छपरौली वाले) की धर्मपत्नी श्रीमती जैन अत्यन्त धार्मिक परिणामों वाली सहृदय महिला थीं। आपकी स्मृति में पुत्र श्री अनिलकुमारजी जैन 'कागजी एवं पुत्रवधू श्रीमती अनिता जैन ने रु. 1,00,000.00 के प्रारम्भिक अंशदान से श्रीमती आनन्दमती जैन स्मृति पारमार्थिक न्यास (चेरिटेबल ट्रस्ट) के गठन की घोषणा की है। इस न्यास के माध्यम से गरीब एवं निर्धन महिलाओं को आर्थिक सहयोग एवं निर्धन किन्तु मेधावी छात्रों को छात्रवृत्तियाँ प्रदान की जायेंगी। इसके साथ ही सामाजिक उत्थान के अन्य कार्य भी सम्पन्न होंगे। समय - समय पर इस न्यास में अन्य अंशदान भी आपके परिवार से प्रदान किये जायेंगे। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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