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को प्रदान किया गया। इस अवसर पर ओंकारजी कस्तूरचंद ट्रस्ट इन्दौर द्वारा दो पुरस्कारों की स्थापना की घोषणा की गई - एक ज्ञानोदय ज्योतिष तंत्र-मंत्र पुरस्कार जो कि इस क्षेत्र में विगत 5 वर्षों में किए गए मौलिक प्रकाशित / अप्रकाशित शोध हेतु प्रदान किया जायेगा। दूसरा ज्ञानोदय आयुर्वेद पुरस्कार जो आयुर्वेद के क्षेत्र में विगत 5 वर्षों के प्रकाशित / अप्रकाशित शोध कार्य हेतु प्रदान किया जायेगा। प्रत्येक की राशि 11000.00 है।
इसी सत्र में कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ द्वारा प्रकाशित तीन ग्रंथों का विमोचन किया गया। प्रथम डॉ. नरेश कुमार पाठक द्वारा सृजित 'मध्यप्रदेश के जैन शिल्प' है। इसके संपादक डॉ. अनुपम जैन व सहयोगी श्री अरविन्द कुमार जैन हैं। द्वितीय श्री सत्श्रुत प्रभावना ट्रस्ट, भावनगर के आर्थिक अनुदान से कुंदकुंद ज्ञानपीठ इन्दौर में संचालित जैन शास्त्र सूचीकरण परियोजना के अंतर्गत "भट्टारक यशकीर्ति दि. जैन सरस्वती भवन ऋषभदेव की हस्तलिखित ग्रंथ सूची' का विमोचन हुआ। इस सूचीपत्र का संपादन ज्ञानपीठ के मानद सचिव और सूचीकरण परियोजना के निदेशक डॉ. अनुपम जैन तथा सूचीकरण परियोजना के शोधाधिकारी डॉ. महेन्द्र कुमार जैन 'मनुज' ने किया है। तृतीय पं. नाथूराम डोंगरीय जैन की कृति जैन धर्म - विश्वधर्म का श्री चन्दनलाल बंडी कृत अंग्रेजी अनुवाद Jain Dharma-Vishwa Dharma का विमोचन हुआ।
प्रारंभ में डॉ. अनुपम जैन मानद सचिव - कुंदकुंद ज्ञानपीठ ने संस्था के परिचय एवं प्रगति से अवगत कराया और पुरस्कारों के महत्व व चयन प्रक्रिया पर प्रकाश डाला। अंत में ज्ञानपीठ के मानद निदेशक प्रो. ए.ए. अब्बासी, पूर्व कुलपति - देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इन्दौर के उद्बोधन और अध्यक्षीय वक्तव्य के उपरांत पूज्य बालाचार्य श्री योगीन्द्रसागर जी महाराज का मंगल आशीर्वचन हुआ। 4 मार्च 2001, मध्यान्ह 2.00 बजे - तृतीय सत्र विषय - जैनधर्म एवं विज्ञान अध्यक्षता - प्रो. एस. सी. अग्रवाल, अध्यक्ष - विज्ञान संकाय, चौधरी चरणसिंह वि.वि.,
मेरठ मुख्य अतिथि - डॉ. महेन्द्र पांड्या, अध्यक्ष - फेडरेशन ऑफ जैन एशोसिएशन इन नार्थ
अमेरिका (JAINA), अमेरिका संचालन
डॉ. धर्मचन्द जैन, कुरुक्षेत्र वक्ता - 1. प्रो. नलिन के. शास्त्री, समायोजक - महाविद्यालय विकास परिषद, मगध
वि.वि., बोधगया
जैन धर्म एवं विज्ञान (जीव विज्ञान के विशेष सन्दर्भ में) 2. श्री दीपक जाधव, व्याख्याता - गणित, जवाहरलाल नेहरू शा.उ.मा.वि., बड़वानी
आचार्य नेमिचन्द्र सि.च. के ग्रन्थों का गणितीय वैशिष्ट्य 3. डॉ. संजीव सराफ, पुस्तकालयाध्यक्ष - शासकीय महाविद्यालय, पथरिया (सागर)
जैन पुस्तकालयों के वर्गीकरण की विशेष रीति 4. कुमार अनेकान्त जैन, शोध छात्र - जैन विश्व भारती संस्थान, लाडनूं
जैन दर्शन की वैज्ञानिकता
अर्हत् वचन, अप्रैल 2001
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