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सन्दर्भ - 1. द्विवेदी, हरिहर निवास, तोमरों का इतिहास, विद्या मन्दिर, मुरार - ग्वालियर, 1979, पृ. 4 2. वही, पृ.7 3. वही, पृ. 22 4. घोष अमलानंद, जैन कला एवं स्थापत्य, खंड - 3, भारतीय ज्ञानपीठ, 1975, पृ. 427, 428 5. द्विवेदी, हरिहर निवास, तोमरों का इतिहास, विद्या मन्दिर, मुरार - ग्वालियर, 1979, पृ. 426 6. वही, पृ 87 7. वही, पृ. 427 8. घोष, अमलानंद, जैन कला एवं स्थापत्य, भारतीय ज्ञानपीठ, 1975, खंड - 3, पृ. 414 9. वही, पृ. 427 10. द्विवेदी, हरिहर निवास, तोमरों का इतिहास, विद्या मन्दिर, मुरार - ग्वालियर, 1979, पृ. 110 11. वही, पृ. 109 12. भाण्ड लक्ष्मण, ग्वालियर कलम, भोपाल मार्केट प्रोजेक्शन प्रा.लि., भोपाल, पृ. 28 13. जैन राजाराम, रइधू साहित्य का आलोचनात्मक परिशीलन, शिक्षा विभाग, बिहार, 1974, पृ. 9 14. वही, भूमिका, पृ. 1 15. घोष अमलानंद, जैन कला एवं स्थापत्य, खंड - 3, भारतीय ज्ञानपीठ, 1975, पृ. 428 16. वही, चित्र 280 (क) 17. जैन राजाराम, रइधू साहित्य का आलोचनात्मक परिशीलन, शिक्षा विभाग, बिहार, 1974, पृ. 10 18. घोष अमलानंद, जैन कला एवं स्थापत्य, खंड - 3, चित्र, भारतीय ज्ञानपीठ, 1975, पृ. 32 19. वही, पृ. 429 20. वही, चित्र 280 (ख) 21. वही, चित्र 34 22. जैन राजाराम, रइधू साहित्य का आलोचनात्मक परिशीलन, शिक्षा विभाग, बिहार, 1974, 9.9 23. घोष अमलानंद, जैन कला एवं स्थापत्य, खंड - 3, भारतीय ज्ञानपीठ, 1975, चित्र 35 24. वही, पृ. 429, 430 25. जैन हीरालाल, भारतीय संस्कृति में जैन धर्म का योगदान, म.प्र. साहित्य परिषद, भोपाल, 1962, पृ.
309 26. जैन राजाराम, रइधू साहित्य का आलोचनात्मक परिशीलन, शिक्षा विभाग, बिहार, 1974, पृ. 11 27. जैन रवीन्द्र कुमार, महामंत्र णमोकार वैज्ञानिक अन्वेषण, केलादेवी सुमतिप्रसाद ट्रस्ट, दिल्ली, 1993, पृ.
60. 28. वही, पृ. 63 29. नीरज जयसिंह, राजस्थानी चित्रकला और हिन्दी कृष्णकाव्य, राजस्थान हिन्दी ग्रन्थ अकादमी, जयपुर, 1973,
पृ. 15 30. रामनाथ, मध्यकालीन भारतीय कलाऐं और उनका विकास, पृ. 4
प्राप्त - 17.5.2000
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अर्हत् वचन, अप्रैल 2001
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