________________
उदाहरणसो डरि/डरिउ/डरिवि/डरवि/डरेवि/डरेविणु/डरेप्पि/डरेप्पिणु रुवइ/रुवे इ/रुवए ।
(ग-2) निम्नलिखित सर्वनामों के अनुरूप निदिष्ट क्रियाओं में से किसी एक में
सम्बन्धक भूतकृदन्त (पूर्वकालिक क्रिया) के प्रत्ययों का प्रयोग कीजिए तथा दूसरी क्रिया में विधि एवं प्राज्ञा के प्रत्यय लगाकर वाक्य बनाइए । सभी विकल्प लिखिये1. तुहुं (उच्छल, कुल्ल) 2. तुम्हे (उल्लस, खेल) 3. हउं (ठा, अच्छ)
4. सो (हा, सय) 5. तुहं (घुम, सय)
6. ते (उज्जम, कुल्ल) 7. हवं (खेल, सय)
8. ता (उल्लस, जीव) 9. तुम्हे (खेल, अच्छ) 10. सो (उज्जम, खेल)
उदाहरण
उच्छलि /उच्छलिउ/उच्छलिवि/ तुहं उच्छल वि/उच्छलेवि/उच्छले विणु/
उच्छलेप्पि/उच्छलेप्पिणु
कुल्लि /कुल्ले/कुल्लु/कुल्ल कुल्लहि/कुल्लेहि/कुल्लसु कुल्लेसु ।
(ग-3) निम्नलिखित सर्वनामों के अनुरूप निर्दिष्ट क्रियाओं में से किसी एक में
सम्बन्धक भूतकृदन्त (पर्वकालिक क्रिया) के प्रत्ययों का प्रयोग कीजिए तथा दूसरी क्रिया में भविष्यकाल के प्रत्यय लगाकर वाक्य बनाइये । सभी विकल्प लिखिए1. हउ (खेल, उल्लस)
2. ते (उज्जम, उच्छल) 3. ता (लज्ज, णच्च)
4. सो (मुच्छ, मर) 5. अम्हइं (अच्छ, उट्ठ)
6. तुम्हे (धुम, उल्लस) 7. हउँ (सय, उट्ठ)
8. सा (हस, गच्च)
अपभ्रंश अभ्यास सौरम ]
[
29
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org