Book Title: Apbhramsa Abhyasa Saurabh
Author(s): Kamalchand Sogani
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy

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Page 289
________________ क्र.सं. पृ.सं. पंक्ति अशुद्ध शुद्ध SIS 5। । 44. 232 232 15 दण्डयाइ दण्डयाइ 232 रासाकुलक छंद 24 मात्राएं 21 मात्राए लघु (1) व गुरु (s) नगण (111) 46. 236 2 कुञ्जर व कुञ्जर व्व 47. 239 239 28, 2 भरतरुदकुंडकूव भरतरुकुंडकूव 48. . 240 29-1 सिद्धिकंतस्तो सिद्धिकतरत्तो 240 29 पंचचामर छंद के उदाहरण की प्रारम्भिक दो पंक्तियाँ निम्न प्रकार हैंजगण रगण जगण रगण जगण गुरु ।। । । । । । । थुणेइ देउ मोक्खहेउ चित्ति जाम हिरो । 123 45 6 789 1011 1213 141516 जगण रगण जगण रगण जगण गुरु I SISI 5 1515 151 SIS सूरिंदवंद ते मुणिंद ता णिसुण्ण दिट्टयो । 12345, 6 789 10 111215141516 276 1 [ अपभ्रंश अभ्यास सौरम Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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