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अभ्यास-15
(क) निम्नलिखित वाक्यों की अपभ्रंश में रचना कीजिए । संज्ञा, क्रिया एवं कृदन्तरूपों के सभी विकल्प लिखिए
1 माता प्रसन्न होती है । 2. श्रद्धा बढ़े । 3. शिक्षा फैलेगी । 4. बहिन छीजती है। 5. भूख शान्त होवे । 6. वाणी थकती है। 7. मदिरा छूटे । 8. प्यास लगेगी । 9. प्रज्ञा प्रकट होती है । 10. बेटी प्रसन्न हो । 11. नदी सूखेगी । 12. लक्ष्मी घटती है । 13. प्रज्ञा सिद्ध हो । 14. अभिलाषा शान्त होगी । 15. गुफा नष्ट होगी । 16. पत्नी डरती है | 17. वाणी प्रकट होवे । 18. दया छूटती । 19. गंगा फैलती है। 20. प्रतिष्ठा बढ़े । 21 परीक्षा होगी । 22. प्यास लगती है। । 23. स्त्री उत्साहित हो । 24 सीता देर करेगी । 25. नींद घटे | 26. महिला तप करे । 27. पुत्री खांसती है । 28. प्रशंसा फैलेगी । 29. खड्डा बढ़ता है । 30. यमुना सूखेगी । 31. बुद्धि खिले । 32 पुत्री वमन करती है । 33. कन्या बाल उखाड़ेगी । 34. बेटी नीचे आती है । 35. तृष्णा घटे । 36. रात्रि सोने के लिए होती है । 37. नर्मदा फैलेगी। 38. शोभा बढ़े | 39. पुत्री सांस लेवे । 40. सीता शोभती है । 41. शोभा नष्ट होती है । 42 पुत्री डरकर सोती है । 43. बहिन शान्त होकर बैठे। 44. ननद घूमने के लिए रुकेगी । 45 पुत्री गिड़गिड़ाकर रोती है । 46. शिक्षा बढ़कर फैले । 47. कन्या देरी करके नीचे आती है । 48. बेटी बाल उखाड़कर रोती है । 49. पत्नी ठहरकर सोए । 50. माता वमन करके शान्त होती है । 51. स्त्री उत्साहित होकर प्रयत्न करे । 52. तृष्णा घटकर शान्त हो । 53. ननद छीजकर कूदती है। 54 पुत्री बैठने के लिए रुके । 55. लक्ष्मी बढ़कर शोभे । 56. कन्या रोकर देर करती है । 57. पुत्री खेलने के लिए खुश होवेगी । 58. बहिन खुश होकर घूमेगी । 59. कन्या सोने के लिए उठे। 60. बहिन खांसकर वमन करती है ।
नोट - इस अभ्यास-15 को हल करने के लिए 'अपभ्रंश रचना सौरभ' के पाठ 37-38 का अध्ययन करें ।
अपभ्रंश अभ्यास सौरभ
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