Book Title: Apbhramsa Abhyasa Saurabh
Author(s): Kamalchand Sogani
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy

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Page 268
________________ Jain Education International प्रकारान्त पुल्लिा (देव) इकारान्त पुल्लिग (हरि) प्राकारान्त स्त्रीलिंग (कहा) इकारान्त स्त्रीलिंग (मइ) मपभ्रंश अभ्यास सोरम ] एकवचन बहुवचन एकवचन बहुवचन एकवचन बहुवचन एकवचन बहुवचन हि हि सप्तमी (हेमचन्द्र) अ- इहिं देवि अ→ए हि हि For Private & Personal Use Only सप्तमी (अन्य) ०, ए (देवे) हिं (एहिं, हे - - -- हे - इहिं) 0 अं(देव) अं (देव) उ (देवु) म्मि हिं (एहि, पाहि) हि ई (देवई) www.jainelibrary.org [ 255

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