Book Title: Apbhramsa Abhyasa Saurabh
Author(s): Kamalchand Sogani
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy

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Page 267
________________ Jain Education International 254 ] प्रकारान्त पुल्लिग इकारान्त पुल्लिग (हरि) प्राकारान्त स्त्रीलिंग (कहा) इकारान्त स्त्रीलिंग (मइ) (देव) एकवचन बहुवचन एकवचन बहुवचन एकवचन बहुवचन एकवचन बहुवचन cho हे * •hce हुं ho हे hce पंचमी (हेमचन्द्र) हुं है हे hoe हु है हे hos हु। hoe For Private & Personal Use Only ह पंचमी (अन्य) ह - - हि हं - - www.jainelibrary.org [ अपभ्रंश अभ्यास सौरम

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