Book Title: Apbhramsa Abhyasa Saurabh
Author(s): Kamalchand Sogani
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy

View full book text
Previous | Next

Page 285
________________ (17) निम्नलिखित क्रियाओं में सकर्मक-अकर्मक बताइए(i) जेम सकर्मक (ii) (iii) (iv) (18) अपभ्रंश के निम्नलिखित वाक्यों में अन्य वैयाकरणों द्वारा निर्दिष्ट संज्ञा-प्रत्ययों के स्थान पर हेमचन्द्र द्वारा निर्दिष्ट संज्ञा-प्रत्ययों को लिखिए(i) देविहिं गन्धोदयाई पट्टवियई। देविहु गन्धोदयाई पट्ठवियई । (ii) (iv) ___A (19) निम्नलिखित वाक्यों में से कृदन्त छांटिए और उनके नाम लिखिए । जहां आवश्यक हो वहां विभक्ति बताइए(i) ससाउ णच्चन्ता थक्कन्तु । णच्चन्ता-वर्तमान कृदन्त 1/2 । (ii) (iii) (iv) (20) निम्नलिखित क्रियाओं के काल, वचन और पुरुष लिखिए(i) विप्रसइ वर्तमानकाल, एकवचन, अन्य पुरुष 10 10 272 ] . [ अपभ्रंश अभ्यास सौरम Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 283 284 285 286 287 288 289 290