Book Title: Apbhramsa Abhyasa Saurabh
Author(s): Kamalchand Sogani
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy

View full book text
Previous | Next

Page 284
________________ (iii) (iv) (v) (vi) (vii) (14) निम्नलिखित वाक्यों में रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए (i) सो हसेप्पिणु उट्टइ । (iii) (iv) (v) (15) प्रेरणार्थक प्रत्ययों के किसी एक विकल्प का प्रयोग करते हुए निम्न लिखित वाक्यों का अपभ्रंश में अनुवाद कीजिए-- (i) वह मुझको हँसाता है । अनुवाद-सो मई हसावइ । (iii) (iv) (16) निम्नलिखित शब्द स्वार्थिक प्रत्ययसहित हैं। इनमें प्रयुक्त स्वार्थिक प्रत्यय लिखिए। (i) जीवड स्वार्थिक प्रत्यय-अड (ii) (iii) (iv) अपभ्रंश अभ्यास सौरभ ] [ 271 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 282 283 284 285 286 287 288 289 290