Book Title: Apbhramsa Abhyasa Saurabh
Author(s): Kamalchand Sogani
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy

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Page 266
________________ Jain Education International प्रकारान्त पुल्लिग (देव) इकारान्त पुल्लिग (हरि) प्राकारान्त स्त्रीलिंग (कहा) इकारान्त स्त्रीलिंग (मइ) अपभ्रंश अभ्यास सौरभ ] एकवचन बहुवचन एकवचन बहुवचन एकवचन बहुवचन एकवचन बहुवचन चतुर्यो ० ० ० ० ० ० ० ० एवं प. how hor 4. षष्ठी (हेमचन्द्र) For Private & Personal Use Only ह, हे ह che हि हिं हि हं हि हं चतुर्थी एवं षष्ठो (अन्य) र on. ON. हि, हस्सु hee .hce प्राण (प्रा.) प्राण (प्रा.) हुं आणं (प्रा.) हे to [ www.jainelibrary.org 253

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