Book Title: Apbhramsa Abhyasa Saurabh
Author(s): Kamalchand Sogani
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy

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Page 280
________________ अपभ्रंश साहित्य अकादमी, जयपुर अपभ्रंश सर्टिफिकेट परीक्षा, ........ प्रश्नपत्र-द्वितीय अपभ्रंश-व्याकरण-रचना समय -3 घण्टा पूर्णाङ्क-150 (1) निम्नलिखित वाक्यों का अपभ्रंश में अनुवाद कीजिए । अनुवाद की संरचना भी लिखिए। अनुवाद-1: अंक (संज्ञा-सर्वनाम शब्दों, क्रियाओं तथा कृदन्तों । संरचना-15 अंक ) 30 अंक के केवल एक विकल्प का प्रयोग कीजिए)। (पन्द्रह वाक्य) (i) वाक्य ---आज वह भोजन जीमता हुआ प्रसन्न होता है । अनुवाद-अज्जु सो भोयणु जेमन्तु हरिसइ । संरचना -(अ), 1/1, 2/1, वकृ 1/1, व 3/1 अक । . (2) निम्नलिखित वाक्यों को शुद्ध कीजिए(i) नरिंदहिं हसिज्जन्ति । शुद्ध वाक्य-नरिंदहिं हसिज्जइ। . (ii) ........................" . ... .. .. . . .. .. . . . ... .. . (iii) ................................ (iv) ............... 20 (3) निम्नलिखित वाक्यों का अकादमी-पद्धति से व्याकरणिक विश्लेषण कीजिए(i) एक्कहिं णयरि एक्कु अमंगलिउ मुटु पुरिसु प्रासि । एक्कहिं (एक्क) 7/1 वि, णयरि (णयर) 7/1, अपभ्रश अभ्यास सौरभ ] [ 267 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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