________________
अभ्यास-17
(क) निम्नलिखित वाक्यों को अपभ्रंश में रचना कीजिए । संज्ञा, क्रिया एवं कृदन्त-रूपों
के सभी विकल्प लिखिए - 1. ऊंट बैठता है । 2. विमान उड़े। 3. परीक्षा होवेगी। 4. कुत्ता भोंकता है । 5. शासन फैले। 6. कन्याएं नाचेंगी। 7. पुस्तकें जलती हैं। 8. सुख बढ़े। 9 बहिन वमन करती है। 10. राजा प्रसन्न होवे। 11. गठरी लुढ़कती है। 12. छोटे घड़े टूटते हैं। 13. पोता प्रसन्न होवे । 14. नागरिक जागेगे । 15. लक्ष्मी बढ़ती है। 16 मेघ गरजते हैं। 17. वैराग्य बढ़े। 18. अभिलाषाएं शान्त होंगी। 19. वस्त्र सूखता है। 20 रूप खिलेगा। 21. शिक्षा फैलेगी। 22. मामा उठे। 23. पानी टपकता है। 24. नदियां सूखेंगी । 25. अपयश फैलता है। 26. दुःख घटे। 27. गुफाए नष्ट होंगी। 28. व्रत शो मते हैं। 29. ज्ञान सिद्ध हो । 30. बहिने ठहरेंगी। 31. पुत्र कांपता है। 32. सदाचार शोभे। 33. प्यास लगेगी। 34. राक्षस मरे। 35. बीज उगेंगे । 36. महिलाएं उत्साहित हों। 37. सिंह भागते हैं। 38. सत्य खिले । 39. वाणो थकती है। 40. राक्षस कूदकर मरते हैं 41. नागरिक जागने के के लिए प्रयत्न करेगा । 42. पुत्री बाल उखाड़कर रोती हैं । 43. बालक रोकर सोयेंगे । 44. विमान ठहरकर उड़ेगा । 45. तृष्णा घटकर शान्त होवे । 46. सूर्य उगकर सोहता है । 47. मनुष्य जीने के लिए प्रयास करें। 48. पुत्रियां खेलने के लिए खुश होंगी। 49. मामा थककर बैठते हैं। 50, धागा गलकर टूटता है। 51. कन्या देरी करके नीचे आती हैं। 52. रत्न गिरकर टूटेगा। 5 3. राज्य फैलने के लिए झगड़ा करता है । 54. वेटी ठहरकर उठेगी। 55. पुस्तकें जलकर नष्ट होती हैं। 56. नागरिक प्रयास करके खेलें। 57 बहिन खुश होकर घूमेगी। 58. सर्प दरकर मागते हैं। 59. माताएं जीने के लिए प्रयत्न करें।
उदाहरणऊँट बैठता है=करह करहा/करह/करहो अच्छइ/अच्छेइ/अच्छए ।
नोट -इस अभ्यास-17 को हल करने के लिए 'अपभ्रंश रचना सौरभ' के पाठ 29 से
39 तक के पाठों को दोहराएं।
अपभ्रंश अभ्यास सौरभ ]
[ 71
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org