Book Title: Anusandhan 1999 00 SrNo 15
Author(s): Shilchandrasuri
Publisher: Kalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad

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Page 5
________________ बसूार 721 अनुक्रणिका १. अज्ञातकर्तृक "सारस्वतोल्लासकाव्य" -सं. विजयशीलचन्द्रसूरि 1 २. अज्ञातकर्तृक-संस्कृत-अपभ्रंश भाषामयं स्तोत्रषट्कम् ॥ -सं. मुनि रत्नकीर्तिविजय 27 ३. हर्षकुलगणि कृत ___ कमलपञ्चशतिका-स्तोत्र -सं. विजयशीलचन्द्रसूरि 32 ४. महोपाध्याय श्रीसकलचंद्रजीगणि विरचित मुनिवरसुरवेली -सं. मुनि कल्याणकीर्तिविजय 52 ५. वा.यशोविजयप्रणीत शारदागीत -सं.विजयशीलचन्द्रसूरि 66 ६. श्रीमहावीर स्वामी, निशालगरj -सं. मुनि धर्मकीर्तिविजय 68 ७. स्थूलिभद्र-बारमासा -सं. विजयशीलचन्द्रसूरि ८. श्री उत्तमविजयजी-कृत पिस्तालीस ल आगम-पूजा -सं. विजयशीलचन्द्रसूरि 76 ९. श्री प्रेमविजयजीकृत श्री विजयप्रभसूरि बारमास ॥ -सं. विजयशीलचन्द्रसूरि १०. केटलांक भाषागीतो -सं. विजयशीलचन्द्रसूरि ११. बृहत्-शान्तिस्तोत्र -सं. विजयशीलचन्द्रसूरि १२. ढूंक नोंध -विजयशीलचन्द्रसूरि बीरबलनां रींगणां, २. मस्तक-लेख, ३. पांच पंक्तिनो कलश १३. शब्दचर्चा -हरिवल्लभ भायाणी 100 १४. पत्रचर्चा -मुनि भुवनचन्द्र 107 १५. थोडांक हमणांनां प्रकाशनो 110 96 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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