Book Title: Anusandhan 1996 00 SrNo 06
Author(s): Shilchandrasuri
Publisher: Kalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
View full book text
________________
[36] पुरत्थिमे दिसिभागे सहस्ससु(भु)उ महापयंडो पुन्नभद्द-माणिभद्द-चिंतामणिपभिइपरिवुडो वंभसंती इत्थ गणे आइट्ठो महाबलो महापइ(य)डपभावो । नाहडनरिंदेणं विनत्ता सुयनाणिणो "कहि तित्थं पवट्टिही "। तित्थ(त्थं ?) चाउवन्नसमणसंघस्स पुरउ निवेइयं
सुमुहुत्तविसेसेणं पइट्ठिया वीरनाहपडिमाए । देविंदा असुरिंदा खयरिंदा तं तत्थ नमसंति ।।
दुन्नि चेईसहीराई(चेईहराइं) पढममुहुत्ते पढमपडिमाए ईयरे सुवमया पडिमा। परसुमुहुत्तविसेसेणं पडिमाए । सोहम्मकप्पवासी कुवेरस्स तत्थ निद्दिट्ठो । अतुलियबलसहस्सभुउ सो बंभसंती महाजक्खो || चिंता[ मणि मणिभद्दे आणानिद्देसकारए। वासद्धा(?)ए सहसे पूइज्जइ तित्थमिणं । पंसुवुट्टा(ट्ठी)य नउ(इ?) मज्झे पूइज्जा वेरेण । जक्खे य बंभसंती पूइज(ज्ज)इ वाराजणा(वीरजिण)बिंबं । सिरिपउमनाह तित्थे पुणरवि पइडजई(डिज्जई) सहानूणं(सहावेणं ?) । सक्काएसेण पुणो पूइज्ज जसोहरे अरिहा । अडवन्नप्पमाणेहिं परि(र)चक्का भंजिही य जक्खेणं । भरहे नवि-खंडे अभंगतित्थे तहा एयं ॥ इउ य -
जेणुद्धरिया विज्जा महापरिन्नाउ गयणतलगमणा । सच्चउरपुरे वीरस्स मंदि[रे]...ते य ॥
उज्जेणीए गद्दभिल्लनिवेणं अज्जकालिए(य)बहिणी सरस्सई महत्तरा गहिया-[कालिया रिएहिं नवनउईसगा आणिऊण विणासउ । तस्स पुत्तो (वि)क्कमो खप्परय - उ सच्चउरनिवेसे जोगिंदेण मोहिउ । पंचमंगलसुमरणेणं पुरिस-द्धा जाया । पुणो वि उज्जेणीए रज्जं भुज्जइ । सो वि वयसाहपुन्निमाए ऊसवं करेइ । विक्कमराया भत्तो वीरजिणं वंदइ महाभत्तीइ । तत्थ वि विज्जासिद्धो विक्खाउ ।
वीरचरित्तत्ति(?) । सच्चउर जिणभुवणं तिन्नि सयाइक्कमे उण पणसय पणयालहिए वलहि भंगम्मि परि(र)चक्को(?) । वंक्क(?) पम कालाउ ।। ३(?)
उ(तउ ?) तिन्निसए पणसत्तअहिए वलहीए सिलाइच्चा राया । वेसिद्धा पउ समावत्तो कह-वगयं पत्थियदिसाए अणारियचक्का चक्कीव गदाजपुरे रवलीवराया वीसलक्ख आइवे असीय लक्ख फारक वे भेग मागं देसाणूदेसं चलिया वहवे परि(पुर) पुट्ठण(पट्टण) सन्निवेसा रखया । मज्झिमपं(ख)डम्मि मिच्छिद्दिविरूवाइ दिसो दिसि गमिस्सई(इ) ।
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org

Page Navigation
1 ... 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122