Book Title: Anusandhan 1996 00 SrNo 06
Author(s): Shilchandrasuri
Publisher: Kalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad

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Page 91
________________ [86] या शक-यवन राजाओं के ढलवाये हुए चांदी के सिक्के नये कार्षापण कहे जाते थे। सिक्कों के विषय में अंगविज्जा की सामग्री अपना विशेष महत्त्व रखती है। पहले की सूची में (पृ. ६६) खतपक और सत्तेरक इन दो विशिष्ट मुद्राओं के नाम आ भी चुके हैं । मासक सिक्के भी चार प्रकार के कहे गये हैं - सुवर्ण मासक, रजत मासक, दीनार मासक और चौथा केवल मासक जो तांबे का था और जिसका संबंध णाणक नामक नये तांबे के सिक्के से था। दीनार मासक की पहचान भी कुछ निश्चय से की जा सकती है, अर्थात् कुषाण युग में जो दीनार नामक सोने का सिक्का चालू किया था और जो गुप्त युग तक चालू रहा, उसी के तोलमान ये संबंधित छोटे सोने का सिक्का दीनार माषक कहा जाता रहा होगा। ऐसे सिक्के उस युग में चालू थे यह अंगविज्जा के प्रमाण से सूचित होता है । वास्तविक सिक्कों के जो नमूने मिले हैं उनमें सोने के पूरी तौल के सिक्कों के अष्टमांश भाग तक के छोटे सिक्के कुषाण राजाओं की मुद्राओं में पाये गये हैं (पंजाब संग्रहालाय सूची संख्या ३४, ६७, १२३, १३५, २१२, २३७), किन्तु संभावना यह है कि षोडशांश मोल के सिक्के भी बनते थे। रजतमाषक के तात्पर्य चांदी के रौप्यमासक ये ही था। सुवर्णमासक यह मुद्रा ज्ञात होती है जो अस्सी रत्ती के सुवर्ण कार्षापण के अनुमान से पांच रत्ती तौल की बनाई जाती थी। इसके बाद कार्षापण और णाणक इन दोनों के विभाग की संख्या का कथन एक से लेकर हजार तक किन लक्षणों के आधार पर किया जाना चाहीए यह भी बताया गया है । यदि प्रश्नकर्ता यह जानना चाहे कि गडा हुआ धन किसमें बंधा हुआ मिलेगा तो भिन्न भिन्न लोगों के लक्षणों से उत्तर देना चाहीये । थैली में (थविका) चमडे की थैली में (चम्मकोस), कपड़े की पोटली में (पोट्टलिकागत) अथवा अट्टियगत (अंटी की तरह वस्त्र में लपेटकर), सुत्तबद्ध, चक्कबद्ध, हेत्तिबद्धपिछले तीन शब्द विभिन्न बन्धनों के प्रकार थे जिनका भेद अभी स्पष्ट नहीं है। कितना सुवर्ण मिलने की संभावना है इसके उत्तर में पांच प्रकार की सोने की तौल कही गई है, अर्थात् एक सुवर्णभर, अष्ट भाग सुवर्ण, सुवर्णमासक (सुवर्ण का सोलहवां भाग), सुवर्ण काकिणि (सुवर्ण का बत्तीसवां भाग) और पल (चार कर्ष के बराबर)।' उपरना विवरणमा जे सतेरक नामनो सिक्को छे ते यूनानी स्टेटर (stater) होवानु अग्रवाले तेम ज सांडेसराए का छे । परंतु बीजी एक शक्यता पण विचारी Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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