Book Title: Agam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Part 01 Sthanakvasi Author(s): Ghasilal Maharaj Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar SamitiPage 12
________________ भेद सहित देव के स्वरूप का निरूपण ५३१-५५० पृथ्वीकाय अप्काय वायुकाय तेजस्काय यादर वायु व वनस्पतिकाय के स्वरूप का निरूपण ५५१-५९९ बेन्द्रियादि जीवों का निरूपण ६००-६०९ नारकी के स्थानो का निरूपण ६१०-६६२ तीर्यच पंचेन्द्रीय के स्थानों का निरूपण ६६३-६६६ मनुष्य व भवनपति असुरकुमारों के देवों के स्थानों का निरूगण ६६७-७३७ नागकुमार व सुवर्णकुमार देवों के स्थान का वर्णन ७३८-७८७ व्यानव्यंतर देव व पिशाचादि व्यंतर जाती के देवों के स्थानों का वर्णन ७८८-८४२ ज्योतिष्क देवों के स्थान का निरूपण ८४३-८५७ वैमानीकदेव व सौधर्मदेव ईशानदेवों के स्थानों का निरूपण ८५८-९१४ ब्रह्मदेव लोक से ग्रैवेयकादि देवों के स्थानों का वर्णन ९१५-९७९ सिद्धों के स्थान का निरूपण ९८०-१०१५ ३२ ॥समाप्त ॥ શ્રી પ્રજ્ઞાપના સૂત્ર : ૧Page Navigation
1 ... 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 ... 1029