Book Title: Agam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Part 01 Sthanakvasi Author(s): Ghasilal Maharaj Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar SamitiPage 11
________________ कमाङ्क पृष्ठाङ्क " " १-४ ५-८ ९-१८ १९-२४ २५-३० ३१-३२ ३३-५४ ५५-१०६ १०७-१६५ १६६-२१६ ur 2 24 AM प्रज्ञापनासूत्र की विषयानुक्रमणिका विषय मंगलाचरण प्रज्ञापना का स्वरूप मंगलाचरण का प्रयोजन दिखलाना श्री महावीर स्वामी को वंदन का कारण दिखलाना प्रज्ञापना के अध्ययन व भेद का निरूपण अजीव प्रज्ञापना का निरूपण अरूप अजीव व रूप अजीव प्रज्ञापना का निरूपण जीव और वर्ण का परस्पर संवैध का निरूपण रूपी अजीव प्रज्ञापना के स्वरूप का निरूपण जीय प्रज्ञापना स्वरूप निरूपण पृथ्वीकाय अप्० तेउ० वायु० वनस्पतिकाय के भेद का स्वरूप निरूपण सभेद वनस्पतिकाय का निरूपण साधारण शरीर बादर वनस्पतिकाय का निरूपण भङ्ग के निर्देश पूर्वक अनंत जीवों का निरूपण बीज की अवस्था का व साधारण जीव के लक्षण का निरूपण बेन्द्री से पंचेन्द्री पर्यंत के जीवों का निरूपण भेद सहित नारको जलचर स्थलचर-परिसर्प खेचर पंचेन्द्रिय का निरूपण भेद सहित मनुष्य का स्वरूप व कर्मभूमि के मनुष्यों का वर्णन देश भेद से आर्यादि का वर्णन व भेद सहित दर्शनार्य का निरूपण भेद सहित वीतराग दर्शन० व चारित्र के स्वरूप का निरूपण २१७-२४५ २४६-२९२ २९३-३१३ ३१४-३२४ ३२५-३४५ ३४६-३६१ ३६२-४१८ ४१९-४४५ ४४६-४८३ ४८४-५३१ શ્રી પ્રજ્ઞાપના સૂત્ર : ૧Page Navigation
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